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Why girls and women like to wear Bangles? (क्यों पहनी जाती है चूड़ियाँ ?)

चुडिया सभी औरतों और लड़कियों को पसंद होती है और इनको बड़े ही चाव से पहना जाता है ।  आमतौर पर इस संबंध में यही मान्यता है कि चूड़ियां सुहाग की निशानी होती हैं और इसी कारण से औरतो दवारा पहनी जाती हैं। चूड़ियों को पहनने के पीछे सुहाग की निशानी के अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण कारण हैं।

आजकल अधिकांश महिलाएं चूड़ियां नहीं पहनती हैं। इस कारण कई महिलाओं को कमजोरी और शारीरिक शक्ति का अभाव महसूस होता है। जल्दी थकान हो जाती है और कम उम्र में ही गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। जबकि, पुराने समय में महिलाओं के साथ ऐसी समस्याएं नहीं होती थीं। उनका खानपान और नियम-संयम भी उनके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखता था। चूड़ियों के कारण स्त्रियों को ऐसी कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

शारीरिक रूप से महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक नाजुक होती हैं।चूड़ियां पहनने से स्त्रियों को शारीरिक रूप से शक्ति प्राप्त होती है। पुराने समय में स्त्रियां सोने या चांदी की चूड़ियां ही पहनती थी। सोना और चांदी लगातार शरीर के संपर्क में रहता है, जिससे इन धातुओं के गुण शरीर को मिलते रहते हैं।

महिलाओं को शक्ति प्रदान करने में सोने-चांदी के आभूषण भी मुख्य भूमिका अदा करते हैं। हाथों की हड्डियों को मजबूत बनाने में सोने-चांदी की चूड़ियां श्रेष्ठ काम करती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार भी सोने-चांदी की भस्म शरीर को बल प्रदान करती है। सोने-चांदी के घर्षण से शरीर को इनके शक्तिशाली तत्व प्राप्त होते हैं, जिससे महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस कारण अधिक उम्र तक वे स्वस्थ रह सकती हैं।

चूड़ियों के संबंध में धार्मिक मान्यता यह है कि जो विवाहित महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं, उनके पति की उम्र लंबी होती है। आमतौर पर ये बात सभी लोग जानते हैं। इसी वजह से चूड़ियां विवाहित स्त्रियों के लिए अनिवार्य की गई है। किसी भी स्त्री का श्रृंगार चूड़ियों के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। चूड़ियां स्त्रियों के 16 श्रृंगारों में से एक है।

जिस घर में चूड़ियों की आवाज आती रहती हैं, वहां के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती है। चूड़ियों की आवाज भी सकारात्मक वातावरण निर्मित करती है। जिस प्रकार मंदिर की घंटी की आवाज वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है, ठीक उसी प्रकार चूड़ियों की मधुर ध्वनि भी वही कार्य करती है।

जिस घर में महिलाओं की चूड़ियों की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की भी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे घरों में बरकत रहती है और वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही, यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि स्त्री को अपना आचरण भी पूर्णतया धार्मिक रखना चाहिए। केवल चूड़ियां पहनने से ही सकारात्मक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं।

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ऑफिस में आपका पहनावा।


समय के साथ ऑफिस का कल्चर भी बदला है। ऑफिस में मेहनत और लगन से काम करना ही सफलता के लिए काफी नहीं है। आपको कई दूसरी चीजों का भी ध्यान रखना होता है और इनमें अहम होता है ऑफिस में आपका पहनावा। कपड़े ही आपका स्टाइल स्टेटमेंट होते हैं। ये आपकी सोच, ऊर्जा और फिटनेस के साथ-साथ काम करने के तरीके को भी बताते हैं। इन बातों को अपनाकर ऑफिस में बनाइए अपनी खास पहचान..

अलग हो आपका अंदाज
आमतौर पर बड़े और कॉरपोरेट ऑफिस में ड्रेस कोड होता है। ऐसे में आपके पास विकल्प सीमित होते हैं लेकिन जहां ड्रेस कोड नहीं है वहां आपको भीड़ से अलग दिखने की जरूरत है। इसके लिए कभी भी अपने कपड़ों या एसेसरीज को ऑफिस के इंटीरियर या कंपनी के लोगो के साथ मैच करके न पहनें। ऐसा करने से आप ऊर्जावान के साथ-साथ फिट महसूस करेंगे, जो आपकी प्रोफेशनल लाइफ के लिए बहुत जरूरी है।

व्यावहारिक हो एसेसरीज
एग्जीक्यूटिव क्लास के लोगों को उन एसेसरीज का इस्तेमाल करना चाहिए जो साधारण और व्यावहारिक हों जैसे एक अच्छी घड़ी, एक स्लिमफिट कैरी बैग। उन्हें धार्मिक चिन्हों, धागों, ब्रेसलेट और अंगूठियों का प्रदर्शन करने से बचना चाहिए। लोगों के बीच अपनी पहचान काम के आधार पर बनाएं, धर्म या मान्यताओं के आधार पर नहीं।

अपनी स्टाइल बनाएं
उन ब्रैंड, कट्स और प्रिंट या रंग के कपड़े पहनने से बचें जो आपके बॉस, मेंटर या साथी काम पर पहन के आते हैं। ऐसा करने से आपकी छवि कॉपी करने वालों की बनती है। अच्छा यह है कि आप सबसे अलग दिखें और ऑफिस में अपना नया स्टाइल बनाएं, जिसे कोई दूसरा कॉपी करे।

जोशीले हों आपके रंग
ऑफिस में उत्साहित और ऊर्जावान दिखना काफी अहम होता है। इसके लिए जरूरी शारीरिक और मानसिक फिटनेस की झलक आपके पहनावे में दिखती है। ऐसे में आप हफ्ते की शुरुआत चटख रंगों से करें। चटख रंग जोश, उत्साह और सकारात्मक सोच के प्रतीक होते हैं। पुरुषों के लिए गाढ़ी नीली, काली, जामूनी रंग की शर्ट अच्छी होगी, जबकि महिलाएं लाल, बैगनी, पिंक, ग्रे रंगों का चुनाव कर सकती हैं। जैसे-जैसे हफ्ता आगे बढ़ता जाए थोड़े हलके रंगों का इस्तेमाल करें। ऑफिस प्रोटोकॉल में कोई दिक्कत न हो तो शुक्रवार या शनिवार को आप कैजुअल ड्रेस से कर सकते हैं।

साफ-सफाई का रखें ध्यान
अच्छे कपड़े के अलावा ऑफिस एटिकेट्स भी काफी जरूरी चीज होती है। आप यह सुनिश्चित करें कि आपके शरीर से बदबू न आए और आपकी त्वचा, बाल और नाखुन स्वस्थ और साफ-सुथरे दिखें। पब्लिक डिलिंग का काम है तो इसका खास ख्याल रखें। अपना हाव-भाव अच्छा बनाए रखें, कंधों को सीधा रखकर चलें, बातचीत का अंदाज अच्छा हो और बातचीत करने के अपने कौशल को बढ़ाना न भूलें।

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