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सूरज की अर्धरेखा

गाडियों का काफिला सड़क से उतर कर  "पगडंडियों के बगल से गुजर रहे कच्चे रास्ते से गाँव की ओर बढ रहा था ! 

जब तक सूरज चाँद रहेगा, सूरज  तेरा नाम रहेगा" सूरज मिश्रा अमर रहे' सूरज मिश्रा अमर रहे! 




जयकारा की ध्वनि  पूरे गाँव में गूंज रही थी! 
तीस गाँव का  तालुका था " जहाँ ये जयकारे गूंज रहे थे, वहाँ के प्रधान का बेटा था सूरज " इसी साल प्रधान बने थें! 
कितनी खुशियाँ थी घर में,  चुनाव के समय सूरज छुट्टी आया था! 
चुनाव का रिजल्ट सुनते ही , पूरे  "गाँव मे दीवाली मन गयी! 
सूरज दोस्तो के साथ खूब नाचा था! 
प्रधान गिरिवर मिश्रा ने तो बेटे पर हजारो की गड्डियां न्यौछावर की थी! 
इकलौता बेटा था उनका, पत्नी भी चल बसी थी! 
पास के गाँव से उनके दोस्त पांडे जी, की बेटी से रिश्ता पक्का किया था! 
पांड़े जी की बेटी रेखा "बहुत खूबसूरत थी! 
सूरज ने रेखा को किसी यज्ञोपवीत में देखा था! 
और आकर सीधे दादी से बोला था! 
दादी ने ही पालपोस कर बडा किया था! 
बिन मां का बच्चा था " तो दादी ने मिश्रा जी से बात की थी! 
थोड़ा न नुकुर के बाद मिश्रा जी मान गये थे! 

फिर एक दिन मिश्रा जी ने पांडे जी के सामने अपनी बात रख दी "
पांडे जी ने अपनी ओर से शर्त रख दी "
की यदि सूरज कोई नौकरी करेंगा तभी विवाह संभव होगा! 
रेखा ने बात सुनी तो हताश हो गयी! 
और एक दिन वो सूरज से मार्केट वाले रास्ते में मिलने आ गयी! 
रेखा " सूरज हमारे बाबूजी ने शर्त रखी है, 
तो कौन सा हम तुम्हें   ब्याहने अभी आ रहे है, हम भी वादा करते है, जब तक आर्मी ज्वाइन  न कर   लेगें  " तुमसे मिलने नही आऐगे"
पक्का वादा है हमारा " अब हम चलते हैं दुआ में याद रखना "
रेखा के सामने सूरज सीना तान कर बोला था! 
रेखा की हंसी न रूक रही थी! 

और फिर सच में सूरज ने तीन महिने में आर्मी ज्वाइन कर ली थी! ज्वाइन के चार महिने भी न गुजरे थे! 
की सूरज को सवेंदनशील  एरिया में भेज दिया गया! 
जिसमे सूरज ने अपनी जान झोक दी "
और उसका प्रमोशन हो गया " 
दो साल हो गये थे, सूरज का नाम चमकने लगा छावनी में "
सूरज में हरदिन देश के लिए कुछ कर गुजरने का   जुनून बढता जा रहा था! 
इस बीच पांडे जी विवाह के लिए दबाव बनाने लगे जिसे सूरज ने   चुनाव के बहाने टाल दिया! 

चुनाव की जीत ने मिश्रा जी को प्रतिष्ठित नागरिक बना दिया! 
बस अब विवाह की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गयी! 

विवाह की पूरी खरीदी रेखा ने सूरज के पास चडीगढ जाकर की थी! रेखा की सहेलियाँ रेखा को बहुत किस्मत वाला समझ रही थी! 

हटो हटो " मंत्री जी की गाडी है! 
गांववालों रास्ता दो"
कोई जरूरत नहीं है, एक महिला बोली "
हमारे गांव का सपूत आ रहा है! 

अरे माता जी, आप हटेगी नही तो, गाडी आगे कैसे बढेगी "

महिला "" जब मंत्री जी की जरूरत थी तब आये नही, अब आकर क्या करेगें "
बहनों अदर मत आने देना मंत्री जी को""
अरे ऐसे कैसे एक अंगरक्षक आगे आकर बोला'

अंगरक्षक  """  हटिऐ, 
महिला ""   ये जी हुजुरी अपने चमचो को जाकर दिखाईये "जब तक हमारे सूरज की गाडी नहीं आ जाती, कोई गाँव में प्रवेश नहीं करेगा"
चाहे मंत्री हो या नेता """

मंत्री """ कौन है ये, 
महिला "" हम आम जनता, 
गाड़ी  आगे न बढेगी "
माता जी हम पैदल चले जाऐगें"
मंत्री जी बोले "

महिला "" हा तो जाईए "
आम जनता के सेवक है, और आप उस पवित्र गाँव मे कदम रख रहे हैं, जहाँ की मिट्टी ने सूरज जैसे लाल दिये है! 

मंत्री जी गाडी के बाहर आ गये! 

कुछ लोग मंत्री जी जिदांबाद, सब ओर सन्नाटा "
सूरज भैया, अमर रहे की गूँज  काफी दूर तक गूंज रही थी! 

कुछ देर बाद गडियो का काफिला नजर आने लगा "
सबकी नजरें उस ओर उठ गयी! 

धूल के गुबार ने आसमान को ढक लिया! 
तिरंगे में लिपटा सपूत का पार्थिव शरीर, दूर से नजर आ रहा था! 
उस वक्त सभी की आंखे गीली थी! 

मंच पर खड़े थे मंत्री जी " 
अपलक उधर ही देख रहे थे " बार बार कलाई पर बंधी घड़ी पर नजर  , डाल रहे थे! 

पीऐ"" सर जनता की नजर आप पर है" हाईलाइट हो जाऐगें आप ""
कान में फुसफुसाया पी ऐ"
मंत्री जी "" अच्छा "
पर दत्ता  जी के घर दो, घंटे बाद पार्टी में पहुंचाना जरूरी है! 

पी ऐ"  अभी आप शांत मुद्रा में ही रहे ""

मंत्री जी""एक तो उबड खाबड गाँव का रास्ता है" कैसे   पहुचूंगां"

पी ऐ "" सर इस रास्ते के लिए " आपके पास बहुत सारे आवेदन आ चुके हैं "

अब हमारे मंत्री जी, दो शब्द  " मातृभूमि के लाल" सूरज के लिए हमलोगों के समक्ष रखेगें ""संचालक ने माइक मंत्री जी के सामने रख दिया! 

पी ऐ"" सर आप सूरज की याद में सडक का " जिक्र भी कर देना ""
मंत्री जी "" हूँ! 
आज का दिन हमारे देश के लिए क्षतिपूर्ण के साथ सौभाग्य पूर्ण है! 
तिरंगे में लिपटा जवान, हम सबका लाल है! 
हमे गर्व है, की हमारी जन्मभूमि मे, सूरज जैसे  लाल का जन्म  हुआ! सूरज के माता पिता धन्य है! 
जो उन्हें ऐसे सूपुत्र के मां बाप बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ! 
मेरे यदि दो पुत्र होते, मै " अपने एक पुत्र को, भारत माता के चरणो में अर्पण करने का सौभाग्य पा लेता """
पर अफसोस """
सब चुपचाप खामोशी से नेता जी का भाषण सुन रहे थे! 
सूरज को खोना हमारे लिए क्षतिपूर्ण है, आज मैने संकल्प लिया है की हमारे सपूत की याद में " सूरज पथ का निर्माण होगा! 
सूरज की याद में " बहुत जल्दी एक सड़क बनायी जायेगी "
जो हाईवे लेन से जुडेगी! 

सूरज भैया अमर रहे "
सूरज का पार्थिव शरीर, सम्मान के साथ तख्त पर रख दिया गया था! 
अंतिम दर्शन के लिए " 
सबकी आँखे नम थी! 
बेटे को खोने का गम प्रधान जी नही सह पा रहे थे! 
उनके सीने में अचानक दर्द उठा, पर उन्होंने बूढी माँ की ओर देखा " तो उन्होंने खुद को सम्भाल लिया! 
शाम गहराने लगी थी! 
अंतिम विदाई का वक्त आ गया, और सूरज अस्त से पहले सूरज पंचतत्व में विलीन हो चुका था! 
सूरज के लिए पूरा गाँव गर्वित था! जनसैलाब बढता जा रहा था ,! 
उस भीड़ में सूरज की मंगेतर रेखा " खौ गयी थी! 
जिसके हाथ कुछ न आया था! 
न चूड़ी न बिंदी, न सुहाग " फिर भी उसे सूरज पर गर्व था! 
वो सूरज की वो रेखा थी! 
जो उसके हाथो में थी तो " पर अधूरी ""

लेखक परिचय

नाम - रीमा महेंद्र ठाकुर 

         (वरिष्ठ लेखिका, समाज सेविका "सनातन धर्म राष्ट्रीय महासचिव, सहित्य संपादक, वरिष्ठ लेखक)
पति - श्री महेंद्र सिंह परिहार (ठाकुर साहब) 

जन्मतिथि - 19/10/1980 (अवध)

शिक्षा -  स्नातक

पैतृक आवास - भीखरपुर बाराबंकी, उत्तरप्रदेश

वर्तमान आवास - राणापुर झाबुआ मध्यप्रदेश

लेखन विधायें - 

कहानी, मुक्त कविता,  उपन्यास, क्राइम जासूसी कहानियाँ, लघुकथा, वेब सीरीज, मुक्त गजल गीत नग्में और लेख आदि।
सहित्य काव्य गतिविधियों हिन्दी प्रचार प्रसार में सक्रिय, 
नवोदित लेखको को अवसर प्रदान करना, 
समाचार पत्र - पत्रिकाओं मे रचनाओं का अनवरत प्रकाशन।

*विशेष - नयी प्रतिभावों का मार्गदर्शन करना।*
उपलब्धि- 
सनातन रक्षा दल, राष्ट्रीय महासचिव, इन्द्रप्रस्थ उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश
ठाकुर महासभा, उपाध्यक्ष 
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू महासभा सचिव और 
बदलाव मंच पूर्व सचिव आदि।
रश्मिरथी- पूर्व अल्प कालीन संस्थापक, राज्य संयोजक, वर्तमान सदस्य, 
मध्यप्रदेश राज्य  संयोजक - शब्दाक्षर मंच सक्रिय भूमिका, "दि ग्राम टूडे सहित्य पथ संयोजक एंव सहयोग सहित्य संपादक उच्च पद", "इंकलाब  संपादक", गीता श्री, राज्यप्रभारी, सलाहकार, 
सामयिक परिवेश, राज्य प्रभारी, 
माँ विध्यवासिनी संस्था, मीडिया प्रभारी, सदस्य, सहित्य सरोवर संयोजक, सहित्य धरा शब्दार्थी, संस्थापक, 
लंदन वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित, 
रचनाएँ - कई साझा संग्रह,

तीन बुक काव्यजंलि कविता संग्रह - "शब्दनाद, लघुकथा, वैदेही के राम", अब तक 4200 रचनाएँ प्रकाशित, प्रतिलिपि लेखक सम्मान, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, सिम्मी कुमारी डायरेक्टर ग्लोबल, "इंडियन वेस्टीज एवार्ड", निशा शैलेंद्र माथुर, "वेस्टी एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सम्मान", वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड कुवैत, "भारत माता अभिनंदन सम्मान", सहित्य विशेष सम्मान, "शब्द शिल्पी सम्मान", काशी कविता सम्मान, समायिक परिवेश पत्रिका सम्मान, विध्यवासिनी प्रश्नोत्तरी सम्मान, सारा सच हमारी वाणी लेखक सम्मान,  श्रैया जी सम्मान बेंगलुरु, भारत के श्रेष्ठ रचनाकार, श्रेष्ठ संचालन सम्मान, प्रतिलेख सम्मान, राष्ट्रीय गीता गैलरी सम्मान, इंकलाब उत्कृष्ट कथा सम्मान, भारत को जाने, वर्ल्ड रिकॉर्ड असम चौपाई, अंतर्राष्ट्रीय नारी गौरव सम्मान", "सरस्वती सम्मान", हिन्दी रक्षक मंच लेखक, बहुत सारे मंचों से सम्मानित, प्रमाण पत्र से सम्मानित एवं राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित।

Amazing helpful Regular Habits for Loose Weight


हम सभी अपना वजन कम करना तो चाहते है लेकिन कुछ ऐसे फैक्ट है जिनसे अनभिग्य होने के कारण इसे बहुत मुश्किल टास्क मान लेते है । यहाँ ऐसे कुछ रूटीन हैबिट्स के बारे में बात करते है जिनको जानकर आसानी से बढ़ा हुआ वजन काम किया जा सकता है । 

शरीर का वजन घटाने के लिए बॉडी का मेटाबॉलिज्म अच्छा होना जरूरी है। शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर आप आसानी से वजन कंट्रोल कर सकते हैं। मेटाबोलिजम अच्छा होने पर शरीर अच्छे से कैलोरी खर्च कर पाता है, जिससे बॉडी में एक्स्ट्रा फैट नहीं जमता। अगर मेटाबॉलिज्म स्लो है तो खूब एक्सरसाइज और डायटिंग करने के बाद भी वजन कम नहीं हो पाएगा। 

आइए समझे कि कैसे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाया जा सकता है ?



  1. सुबह जब भी आप बिस्तर छोड़ते है, एक गिलास गुनगुना पानी नित्य पिने की आदत डाले क्योंकि इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते है जो की शरीर का फैट कम करने के लिए जरूरी है । 
  2. अगर आप रेगुलर पी जाने वाली चाय लेते है तो इसकी जगह ग्रीन टी, हर्बल टी, या लेमन टी का सेवन करे। इस चाय में मौजूद एंटी ओक्सिडेंट की वजह से आपके मेटाबोलिजम में सुधार होगा । 
  3. अगर सम्भव हो तो डेली कम से कम १५ मिनट सुबह की धुप का सेवन करे इश्स शरीर का सनलाइट बॉडी क्लॉक दुरुस्त होता है और मेटाबोलिजम में सुधर होता है । 
  4. दिन भर की भागदौड़ और तनाव भरी रूटीन लाईफ में से अपने १० मिनुत निकल के मेडिटेसन की आदत डाले इससे आपका बॉडी वेट अपने आप नियंत्रित होगा । 
  5. सुबह नाश्ते में स्प्राउट्स (अंकुरित दाल ), दूध, ऑट्स, पनीर, बीन्स आदि ले, और यदि आप अंडा पसंद करते है तो वह भी नाश्ते में लिया जा सकता है । 
  6. दोपहर के लंच में भी तेल, शुगर आदि के सेवन को अवॉइड करे व अधिक से अधिक मात्रा में स्प्राउट्स (अंकुरित दाल ), पनीर, बीन्स, भुने हुए चने, दही आदि का सेवन करे । 
  7. जब भी आपको मौका मिले तो पैदल चले, और यदि सम्भव हो तो दिन में कभी भी ३० मिनट की वाक करने की आदत डाले । 
  8. लिफ्ट का कम से कम यूज करे और सीढ़ियों से चढे उतरे । इससे जल्दी फैट बर्न होगा । 
  9. सादा निम्बू पानी का सेवन कभी भी किया जा सकता है, इससे डायजेसन में सुधर आता है और जल्दी फैट बर्न होता है । 

Vastu Dosh Remedy (बिना तोड़फोड़ के वास्तु दोष शमन)



ज्यादातर लोगो में यही जानने की उत्सुकता होती है की कैसे बिना तोड़फोड़ के वास्तु दोषो का निराकरण किया जा सकता है? मुख्य रूप से नो प्रकार के उपायो का उल्लेख किया जाता है जिनकी सहायता से हम अपने घर के वास्तु दोष को सरलता से दूर  कर सकते है, जो निम्न प्रकार है :

१. रोशनी - दर्पण - क्रिस्टल बॉल
२. ध्वनि - घंटी
३. वृक्ष - पोधे - झाडी, पुष्प
४. पवन चक्की - दिशा दर्शक यन्त्र
५. मूर्तियां - पत्थर - चट्टानें
६. विभिन्न प्रकार के बिजली के उपकरण
७. बास
८. विभिनं प्रकार के रंग
९. विभिन्न प्रकार के यन्त्र और टोटके

कभी-कभी दोषों का निवारण वास्तुशास्त्रीय ढंग से करना कठिन हो जाता है। ऐसे में दिनचर्या के कुछ सामान्य नियमों का पालन करते हुए निम्नोक्त सरल उपाय कर इनका निवारण किया जा सकता है।

पूजा घर पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) में होना चाहिए तथा पूजा यथासंभव प्रातः 06 से 08 बजे के बीच भूमि पर ऊनी आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर ही करनी चाहिए।

पूजा घर के पास उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सदैव जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए। इससे घर में सपन्नता आती है। मकान के उत्तर पूर्व कोने को हमेशा खाली रखना चाहिए।

घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। उसे पैर नहीं लगना चाहिए, न ही लांघा जाना चाहिए, अन्यथा घर में बरकत और धनागम के स्रोतों में वृद्धि नहीं होगी।

पूजाघर में तीन गणेशों की पूजा नहीं होनी चाहिए, अन्यथा घर में अशांति उत्पन्न हो सकती है। तीन माताओं तथा दो शंखों का एक साथ पूजन भी वर्जित है। धूप, आरती, दीप, पूजा अग्नि आदि को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं। पूजा कक्ष में, धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड हमेशा दक्षिण पूर्व में रखें।

घर में दरवाजे अपने आप खुलने व बंद होने वाले नहीं होने चाहिए। ऐसे दरवाजे अज्ञात भय पैदा करते हैं। दरवाजे खोलते तथा बंद करते समय सावधानी बरतें ताकि कर्कश आवाज नहीं हो। इससे घर में कलह होता है। इससे बचने के लिए दरवाजों पर स्टॉपर लगाएं तथा कब्जों में समय समय पर तेल डालें।

खिड़कियां खोलकर रखें, ताकि घर में रोशनी आती रहे।

घर के मुख्य द्वार पर गणपति को चढ़ाए गए सिंदूर से दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं।

महत्वपूर्ण कागजात हमेशा आलमारी में रखें। मुकदमे आदि से संबंधित कागजों को गल्ले, तिजोरी आदि में नहीं रखें, सारा धन मुदमेबाजी में खर्च हो जाएगा।

घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरे हुए या उल्टे पड़े हुए नहीं हों, अन्यथा घर में अशांति होगी।

सामान्य स्थिति में संध्या के समय नहीं सोना चाहिए। रात को सोने से पूर्व कुछ समय अपने इष्टदेव का ध्यान जरूर करना चाहिए।

घर में पढ़ने वाले बच्चों का मुंह पूर्व तथा पढ़ाने वाले का उत्तर की ओर होना चाहिए।

घर के मध्य भाग में जूठे बर्तन साफ करने का स्थान नहीं बनाना चाहिए।

उत्तर-पूर्वी कोने को वायु प्रवेश हेतु खुला रखें, इससे मन और शरीर में ऊर्जा का संचार होगा।

अचल संपत्ति की सुरक्षा तथा परिवार की समृद्धि के लिए शौचालय, स्नानागार आदि दक्षिण-पश्चिम के कोने में बनाएं।

भोजन बनाते समय पहली रोटी अग्निदेव अर्पित करें या गाय खिलाएं, धनागम के स्रोत बढ़ेंगे।

पूजा-स्थान (ईशान कोण) में रोज सुबह श्री सूक्त, पुरुष सूक्त एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें, घर में शांति बनी रहेगी।

भवन के चारों ओर जल या गंगा जल छिड़कें।

घर के अहाते में कंटीले या जहरीले पेड़ जैसे बबूल, खेजड़ी आदि नहीं होने चाहिए, अन्यथा असुरक्षा का भय बना रहेगा।

कहीं जाने हेतु घर से रात्रि या दिन के ठीक १२ बजे न निकलें।

किसी महत्वपूर्ण काम हेतु दही खाकर या मछली का दर्शन कर घर से निकलें।

घर में या घर के बाहर नाली में पानी जमा नहीं रहने दें।

घर में मकड़ी का जाल नहीं लगने दें, अन्यथा धन की हानि होगी।

शयनकक्ष में कभी जूठे बर्तन नहीं रखें, अन्यथा परिवार में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।

भोजन यथासंभव आग्नेय कोण में पूर्व की ओर मुंह करके बनाना तथा पूर्व की ओर ही मुंह करके करना चाहिए।

How to prepare and apply Natural Mehendi (Henna) on your Hands? (कैसे बनाये एवं लगाये प्राकृतिक मेहँदी अपने हाथों पर?)

मेहँदी पाउडर: 
हमेशा सर्वश्रेष्ठ ताजा हरे रंग की मेहँदी  काम में ली जानी चाहिए और उसमे निम्न गुणवत्ता होनी चाहिए :
1) प्राकृतिक हरे रंग (ऑलिव हरे रंग के करीब)
2) प्राकृतिक तीखी खुशबू (आर्टिफीसियल सुगंधित नहीं)
3) किसी भी प्रकार के रसायन से मुक्त (100% प्राकृतिक)

Note: 
बासी Mehendi त्वचा पर कम रंग देती है जो अधिक भूरे रंग और बिना गंध की होती है, इसलिए इस मेहँदी को बालों के लिए कंडीशनिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.  हमेशा ताजा मेहँदी काम में लेनी चाहिए। ताजा मेहँदी को हाथ पर डिजाइन एवं बालों को रंगने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

शंकु (CONE) की तैयारी:
मेहँदी को कॉन या एप्लीकेटर (पिचकने वाली बोतल) के साथ लगाया जा सकता है  या आप टूथपिक से भी हाथों पे मेहँदी लगा सकती है । आप कॉन की सहायता से  मेहँदी को आसानी से लगा सकते है कॉन  के लिए आप दूध की प्लास्टिक, अच्छी क्वालिटी के शॉपिंग बैग्स या अन्य ज़िप वालें प्लास्टिक बैग्स को काम में ले सकते है । नीचे दिए गए निर्देशों की मदद से आप भी मेहँदी का शंकु बना सकती है ।


मेहँदी का पेस्ट तैयार करना:
अच्छा रंग पाने के लिए कोई विशेष प्रक्रिया की जरूरत नहीं है, सिर्फ पेस्ट में नीलगिरी का तेल और मेहँदी के तेल की कुछ बूँदें डालने की जरूरत है, मेहँदी का पेस्ट, मेहँदी के पाउडर और पानी के मिश्रण से भी बनाया जाता है । मेहँदी का पेस्ट टूथपेस्ट या दही जितना गाड़ा होना चाहिए. अच्छे रंग पाने के लिए मेहँदी का पेस्ट तैयार करके थोड़े टाइम  लिए रख देना चाहिए ।

एक शंकु, चार हाथ डिजाइन करने के लिए पर्याप्त है. इसलिए कॉन के लिए पेस्ट हमेशा जरूरत के हिसाब से ही तैयार करे।

4 शंकु बनाने के लिए 100 ग्राम मेहँदी लें,

स्टेप-१ 
मेहँदी के पाउडर को फ़िल्टर करने के लिए नायलॉन कपड़ा ले और इसको दोनों साइड से शीर्ष भाग से पकड़ के दो बार मेहँदी पाउडर को छान ले ।  पाउडर छानने के लिए चाय की झरनी भी काम में ले सकती है । मेहँदी का पाउडर ढेलेदार नहीं होना चाहिए. यदि आप को धूल से एलर्जी है तो पाउडर को छानते समय अपनी नाक को रूमाल से ढँक के रखे ।

स्टेप-२ 
ए) पानी का आधा कप, एक चम्मच चाय पत्तियों और एक चम्मच मेथी के साथ उबाल ले ।
बी) आधा कप पानी के साथ इमली के चार टुकड़े और चीनी का एक चम्मच 10 मिनट तक उबाल ले।

स्टेप-३ 
10 मिनट के बाद स्टेप-२ के दोनों कपो के पानी के मिश्रण को अच्छी तरह से हिला ले ।
मिश्रण को छान कर 100 ग्राम मेहँदी के पाउडर को मिला ले ।
नीलगिरी के तेल एवं Mehendi के तेल की १०-१२ बूंदे पेस्ट में मिला ले ।
इस बने हुए गाढ़े पेस्ट के मिश्रण को कम से कम 1 घंटे या अधिकतम 24 घंटे तक के लिए रख दे ।
जितनी मात्रा में आवश्यकता हो उतनी मात्रा के पेस्ट को पतला करके काम में लिया जा सकता है ।
बचे हुए पेस्ट को लगभग 2-3 सप्ताह के लिए रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत किया जा सकता है, पेस्ट का उपयोग करने से 2 घंटे पहले फ्रीज़ से निकाल लेना चाहिए ।
कमरे का तापमान लगभग 25 डिग्री होना तक होना चाहिए, क्योंकि ठंडे स्थानों में मेहँदी बेस्ट रिजल्ट नहीं दे पति है ।

स्टेप-४ 
कॉन में मेहँदी का पेस्ट डालने से पहले उसे अच्छी प्रकार से हिला ले ताकि किसी भी तरह की गुठलीया न रह पाये ।

मेहंदी डिज़ाइन 
यहाँ पर आपकी सुविधा के लिए हमने मेहँदी के कुछ डिज़ाइन दिए है जिनकी सहायता से आप आसानी से मेहंदी बना सकते है । 

मेहँदी लगाने की विधि : 
मेहँदी लगाने से पहले अपने हाथ और पैर पे हमेशा रूई के साथ नीलगिरी या मेहँदी का तेल जरूर लगाये ।
आप यह जरूर ध्यान रखे की आप के हाथ और पैरों पे किसी भी प्रकार का बॉडी लोशन या क्रीम या मरहम न लगा हों ।
यदि आप के हाथ या पैर ठन्डे रहते है तो मेहँदी लगाने से पहले इनको गर्म अवश्य कर ले ।
अगर आप बीमार है तो मेहँदी को  क्योंकि मेहँदी की तासीर ठंडी होती है ।

मेहँदी का रंग हथेली पर गहरा एवं शरीर के अन्य हिस्सों पर तुलना में हल्का आता है.

हाथो और शरीर के अन्य हिस्सों पर मेहँदी का डार्क रंग पाने के लिए निम्बू के रस में १/४ मात्रा में चीनी का पेस्ट बना ले और इसको अधिकतम ३ बार लगाये ।

मेहँदी के लगे रहने की समयावधि :
कम से कम 1 घंटे और अधिकतम 12 घंटे तक मेहँदी को लगी रहने दे ।
जितने ज्यादा टाइम तक मेहँदी लगे रहेगी कलर उतना ही डार्क आएगा ।
हाथों पर से मेहँदी को हटाने के १० मिनट पहले खाने का तेल कॉटन की सहायता से लगाये ।
इस आयल को आठ से दस घंटे तक अपने हाथों पर लगे रहने दे और इसके बाद सादा पानी से हाथों को धो ले और एक्स्ट्रा आयल को कोटन की सहायता से साफ़ कर ले ।
मेहँदी के अच्छे कलर के लिए हाथों को नमक के पानी से दूर रखे ।

यदि रंग हल्का आता है:
आप जानती है की आपके मेहँदी का कलर हल्का आता है तो एक लोहे के तवे पर 3 लौंग को गर्म कर ले और इसके धुएं पर अपने हाथ ले जाए। इससे गहरा रंग पाने में मदद मिलेगी.
इसके बाद भी आप महसूस करती है की डार्क कलर नहीं आया तो बाम का प्रयोग करे ।
फिर भी यदि कलर मन माफिक नहीं आ रहा है तो आधा चमच्च आयल में चुना मिला कर हाथों पर लगाये अगले दो घंटे में आप बेहतर रिजल्ट पाएंगी ।
मेहँदी लगाने के बाद जरूरत पड़ने पर हांथों को हमेशा केवल लिक्विड साबुन से धोये अन्यथा मेहँदी जल्दी हल्की पड़  जायेगी । 

Why girls and women like to wear Bangles? (क्यों पहनी जाती है चूड़ियाँ ?)

चुडिया सभी औरतों और लड़कियों को पसंद होती है और इनको बड़े ही चाव से पहना जाता है ।  आमतौर पर इस संबंध में यही मान्यता है कि चूड़ियां सुहाग की निशानी होती हैं और इसी कारण से औरतो दवारा पहनी जाती हैं। चूड़ियों को पहनने के पीछे सुहाग की निशानी के अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण कारण हैं।

आजकल अधिकांश महिलाएं चूड़ियां नहीं पहनती हैं। इस कारण कई महिलाओं को कमजोरी और शारीरिक शक्ति का अभाव महसूस होता है। जल्दी थकान हो जाती है और कम उम्र में ही गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। जबकि, पुराने समय में महिलाओं के साथ ऐसी समस्याएं नहीं होती थीं। उनका खानपान और नियम-संयम भी उनके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखता था। चूड़ियों के कारण स्त्रियों को ऐसी कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

शारीरिक रूप से महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक नाजुक होती हैं।चूड़ियां पहनने से स्त्रियों को शारीरिक रूप से शक्ति प्राप्त होती है। पुराने समय में स्त्रियां सोने या चांदी की चूड़ियां ही पहनती थी। सोना और चांदी लगातार शरीर के संपर्क में रहता है, जिससे इन धातुओं के गुण शरीर को मिलते रहते हैं।

महिलाओं को शक्ति प्रदान करने में सोने-चांदी के आभूषण भी मुख्य भूमिका अदा करते हैं। हाथों की हड्डियों को मजबूत बनाने में सोने-चांदी की चूड़ियां श्रेष्ठ काम करती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार भी सोने-चांदी की भस्म शरीर को बल प्रदान करती है। सोने-चांदी के घर्षण से शरीर को इनके शक्तिशाली तत्व प्राप्त होते हैं, जिससे महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस कारण अधिक उम्र तक वे स्वस्थ रह सकती हैं।

चूड़ियों के संबंध में धार्मिक मान्यता यह है कि जो विवाहित महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं, उनके पति की उम्र लंबी होती है। आमतौर पर ये बात सभी लोग जानते हैं। इसी वजह से चूड़ियां विवाहित स्त्रियों के लिए अनिवार्य की गई है। किसी भी स्त्री का श्रृंगार चूड़ियों के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। चूड़ियां स्त्रियों के 16 श्रृंगारों में से एक है।

जिस घर में चूड़ियों की आवाज आती रहती हैं, वहां के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती है। चूड़ियों की आवाज भी सकारात्मक वातावरण निर्मित करती है। जिस प्रकार मंदिर की घंटी की आवाज वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है, ठीक उसी प्रकार चूड़ियों की मधुर ध्वनि भी वही कार्य करती है।

जिस घर में महिलाओं की चूड़ियों की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की भी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे घरों में बरकत रहती है और वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही, यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि स्त्री को अपना आचरण भी पूर्णतया धार्मिक रखना चाहिए। केवल चूड़ियां पहनने से ही सकारात्मक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं।

Onion can improve Your Erections and Sex Power (प्याज से सेक्सुअल दुर्बलता को दूर करे)



आज की भागदौड़ की जिंदगी में हमे कई तरह की समस्याओं  का सामना करना पड़ता है लेकिन यदि हमारे वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की कड़वाहट आ जाये तो जीवन नीरस सा लगने लगता है और इसका सबसे बड़ा कारण हो सकता है जल्द स्खलन या योन सम्बन्ध बनाने में अनिच्छा का होना ।

यहाँ पर हम आपको प्याज के गुणों से परिचित करवाने की कोशिश कर रहे है जिसकी सहायता से आप सहज रूप से अपनी खोयी हुई योन इच्छा की प्राप्ति करके अपनी शीघ्र स्खलन होने की समस्या से निजात पा सकते है ।

ये प्याज के कुछ ऐसे प्रयोग हैं, जिनका उपयोग सुलभ, सस्ता एवं प्रभावी हैI 

सफ़ेद प्याज के रस को अदरख के रस के साथ मिलाकर शुद्ध शहद तथा देशी घी प्रत्येक क़ी पांच-पांच ग्राम क़ी मात्रा लेकर एक साथ मिलाकर सुबह नियम से एक माह तक सेवन करें और लाभ देखें इससे यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है I

प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर एक शरबत जैसा गाढा द्रव्य प्राप्त करें ..अब इसे दस से पंद्रह ग्राम क़ी मात्रा में नियमित सेवन करें ...! यह योग आपको निश्चत ही यौन स्फूर्ति प्रदान करेगा !

कामशक्ति को बढाने हेतु प्याज का एक और प्रयोग निम्नवत है :- लाल प्याज पचास ग्राम क़ी मात्रा में लेकर इसे देशी घी पचास ग्राम और ढाई सौ ग्राम दूध मिलाकर गर्म कर नियमित चाटना चाहिए ...शीत ऋतु में इस योग को नियमित रूप से दो से तीन बार लिया जाना चाहिएI गर्मीयों में इस योग सूर्योदय से पूर्व केवल एक बार करें तो बेहतर हैI

शीघ्रपतन निवारण हेतु: 
जिन्हें शीघ्रपतन (प्री-मेच्युर इजेकुलेशन) क़ी समस्या है ,उन्हें ढाई ग्राम शहद एवं इतना ही प्याज का रस मिलाकर चाटना चाहिए ..I इस प्रयोग को शीत ऋतु में दो से तीन बार किया जाना चाहिए ...ध्यान रहे क़ि गर्मीयों में इस प्रयोग को सूर्योदय से पूर्व केवल एक बार ही किया जाय तो बेहतर है I

शीघ्रपतन रोगियों के लिए एक और प्रयोग काफी लाभकारी होता है :- सौ ग्राम अजवाइन लेकर सफ़ेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें, सूख जाने पर पुनः पुनः प्याज के रस में भिंगोकर तीन बार सुखाएंI अब अच्छी तरह सूख जाने पर इसका बारीक पाउडर बना लें, अब इस पाउडर को पांच ग्राम की मात्रा में घी और शक्कर की लगभग पांच ग्राम की मात्रा से सेवन करेंI इस योग को इक्कीस दिन तक लेने पर शीघ्रपतन में लाभ मिलता हैI

एक किलो प्याज के रस में आधा किलो उड़द की काली दाल मिलाकर पीस कर पीठी बना लें और इसे सुखा लें, सूख जाने पर पीठी को एक किलो प्याज के रस में पुनः दुबारा पीसें और पुनः दुबारा पीस कर लिख लेंI अब इस पीठी को दस ग्राम की मात्रा में लेकर भैंस की दूध में पुनः पकायें और इच्छानुसार शक्कर डाल कर पी जाएँ, इस योग का सेवन लगातार तीस दिन तक सुबह शाम सेवन करने से सेक्स स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती है!

एक किलो प्याज का रस, एक किलो शहद के साथ लेकर उसमें आधा किलो शक्कर मिलाकर किसी साफ़ सुथरे डिब्बे में पैक कर लें ..अब इसे पंद्रह ग्राम की मात्रा में एक माह तक रोज नियमित सेवन करेंI इस योग के प्रयोग से सेक्सुअल डिजायर में वृद्धि देखी जाती हैI

वीर्य वृद्धि हेतु :

प्याज का रस एक चम्मच, आधा चम्मच शहद मिलाकर पीने से वीर्य की वृद्धि होती हैI

प्याज को पीसकर गुड मिलाकर खाने से वीर्य (सीमन ) वृद्धि देखी जाती है I

How to Cure Vaginal Infections Without Using Medications (योनि शूल के कारण और निवारण)



क्या आप भी योनि शूल की विकृति से परेशान है? योनि शूल किसी भी युवती को बुरी तरह विचलित कर देती है। कई बार लाज-संकोच के कारण युवतियां योनि शूल के सबंध में किसी से कुछ नही कह पाती हैं और ऐसी स्थिति में दूसरे रोगों के कारण उत्पन्न योनि शूल अधिक उग्र रूप धारण कर सकता है।

कारण:
मूत्र त्याग के बाद स्वच्छ जल से योनि का प्रक्षालन {धोने की क्रिया} नहीं करने से गंदगी के कारण खुजली होती है। ऐसे में जोर-जोर  से खुजलाने पर नाखूनों से जख्म हो जाने पर शोध के कारण तीव्र शूल होने लगता है। अप्राकृतिक मैथुन से भी जख्म हो जाने पर शूल की उत्पत्ति हो सकती है।

योनि के आस-पास आघात के कारण स्त्रियां बेचैन हो उठती है। फोडे़-फुंसी के पकने पर असहनीय शूल होता हैं कुछ नवयुवतियों में ऋतुस्त्राव में अवरोध होने से शूल की उत्पत्ति होती है। जबकि अल्प आयु में संभोग से भी शूल हो सकता है।

लक्षण:
योनि में शूल [दर्द] के कारण मूत्र त्याग के समय तीव्र जलन होती है।
योनि शूल की विकृति गर्भाशय के कारण हो तो पूय व रक्त भी निकल सकता है।
प्रसव के बाद सूतिका रोग के कारण शूल की उत्पत्ति के साथ रक्तमिश्रित पूयस्त्राव भी होता है।

निवारण:
10 ग्राम सोंठ को जल में उबालकर क्वाथ बनाएं। क्वाथ को छानकर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से त्रतुस्त्राव की विकृति से उत्पन्न योनि शूल नष्ट होता है।

अपामार्ग और पुनर्नवा की 5-5 ग्राम जड़, खूब अच्छी तरह पीसकर योनि में लेप करने से शूल नष्ट होता है।

5 ग्राम उलकंबल की जड़ को, 10 ग्राम शक्कर में मिलाकर सेवन करने से योनि शूल नष्ट होता है।

योनि के आस-पास फुंसी होने पर शूल हो तो नीम की छाल को जल के साथ घिसकर लेप करें। फुंसी पककर फूट जाएगी और शूल नष्ट होगा।

नीम के पत्तों को जल में उबालकर, जल को छानकर योनि के जख्म व फुंसी को साफ करें।

ग्रीष्म ऋतु में नीम के वृक्ष पर पकी निबौली खाने से फुंसीयां नष्ट होती है।

टेसू के फूल, खसखस और सूखी मकोय सभी 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर 1 किलो जल में उबालकर, छानकर उस जल से योनि का प्रक्षालन करने से शूल नष्ट होता है।

परहेज : 
उष्ण मिर्च-मसाले व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
योनि शूल से पीड़ित होने पर ‘सहवास’ न करें।
आम,अचार, कमरख, खट्टे बेर, इमली आदि का सेवन न करें।
उछल-कूद, दौड़ने-भागने व सीढ़िया उतरने-चढ़ने से अलग रहें।
लम्बी दूरी की पैदल या स्कूटर पर यात्रा न करें।
योनि शूल के चलते अरबी, कचालू, भिंडी, फूलगोभी, मूली आदि वातकारक सब्जियों का सेवन न करें।
बाजार की चटपटी चाट, आलू की टिकिया, समोसे, छोले-भठूरे व उड़द की दाल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

How to loss weight fast and easy home tips (मोटापा कम करने के आसान घरेलु उपाय)



पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।

दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।

छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है।

आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं। कमर एकदम पतली हो जाएगी।

मोटापा कम नहीं हो रहा हो तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से भूख कम होती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।

एक चम्मच पुदीना रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है

सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। 

पुदीने की चाय बनाकर पीने से मोटापा कम होता है।

खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा।

सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से वसा में कमी होती है।

केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाए गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।

रोज पत्तागोभी का जूस पिएं। पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है।

Imali ki Chatni (इमली की चटनी)

जब भी हम कोई चटपटा व्यंजन बनाते है तो हमे चटनी बनानी पड़ती है  और इमली की चटनी बनाना भी एक कला है क्योंकि इसके सही प्रकार से ना बने होने पर डिश का पूरा स्वाद ख़राब हो सकता है । यहाँ पर इमली की  की चटनी बनाने की सरल विधि बताई जा रही है :

सामग्री
  • ३- प्याला साफ़ की हुई इमली
  • आधा प्याला गुठली निकला हुआ खजूर
  • ३ प्याला गुड़
  • २ प्याला पानी
  • आधा चम्मच पिसी हुई लाल मिर्च
  • आधा चम्मच जीरा पिसा हुआ
  • नमक स्वादानुसार
  • चुटकी भर गरम मसाला

विधि
  • पानी में इमली और गुड को मिलाकर कुछ मिनट के लिए रख दें।
  • अब इसे ७-८ मिनट तक उबाल लें।
  • मिक्सी में पीस कर ज़रूरत हैं तो छान लें।
  • अब इसमें लाल मिर्च और नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लें।
  • एक बार उबालें और गरम मसाला मिला कर ठंडा कर लें।
  • विशेष अवसरों पर खजूर के महीन टुकड़े और किशमिश मिलाए जा सकते हैं।
  • दही बड़ों और भेलपूरी या सेव पूरी के लिए मज़ेदार चटनी है।
व्रत आदि के लिए:
नमक के स्थान पर सेंधे नमक का प्रयोग करके इस इमली की चटनी का प्रयोग व्रत में फलाहार के साथ किया जा सकता है।

चटनी बनाने की अन्य विधिया :
यदि आप भी हमारी अन्य सहेलियों की तरह प्रसिद्द शेफ संजीव कपूर के दवारा चटनी बनाने की विभिन्न विधियों को सिख कर घर पर बनाना चाहती है और अपने परिवार का दिल जितना चाहती है तो आज ही अपनी प्रति घर बैठे प्राप्त करे :

आचार और चटनी (Achar Aur Chatni)

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Papdi Chaat : पापड़ी चाट



कुल समय: 
28 मिनट [तैयारी:16 मिनट | कुक:12 मिनट]

सदस्य  : 8 से 10

आवश्यक सामग्री:
  • छोटी पपड़ी - 1 कटोरी (तली हुई)
  • उरद दाल की पकोड़ी - 1 कटोरी (तली हुई)
  • काबली चने - 1 कटोरी (उबाले हुए)
  • आलू - 2 कटोरी (उबाले हुए)
  • दही - 500 ग्राम
  • नमक - स्वादानुसार (आधी छोटी चम्मच)
  • भुना जीरा पाउडर - 2 छोटी चम्मच
  • चाट मसाला - 1 छोटी चम्मच
  • मीठी चटनी - 1 छोटी कटोरी
  • हरी चटनी - 1 छोटी कटोरी
  • हरा धनिया - 2 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)

विधि:
पापड़ी चाट बनाने के लिये सबसे पहले हम छोटी-छोटी पापड़ी और उरद दाल की पकौड़ियाँ बनाएंगे।

पापड़ी बनाने के लिये 100 ग्राम मैदा लेकर उसे अच्छी तरह से गूथ लीजिये और फिर आटे को 2 भागों में बाँट कर गोल-गोल लोइयाँ बना लीजिये। अब इन लोइयों को 1-1 करके रोटी की तरह बेलिये और 3 सेमी. व्यास के पैने किनारे वाले ढक्कन से गोल गप्पे की तरह गोल-गोल काट लीजिये (आप चाहें तो इन लोइयों को मठरी की तरह बेल कर भी पापड़ी बना सकते हैं)। अब इन पापड़ियों में चाकू से 5-6 छेद करके इन्हें गर्म तेल में ब्राउन होने तक तल लीजिये।

उरद दाल की पकौड़ी बनाने के लिये उरद की दाल को धोकर 2 घंटे पानी में भिगो कर रख दीजिये और उसके बाद पानी से निकाल कर पीस कर पकौड़े जैसा मिश्रण बना लीजिये। अब कढा़ई में तेल गर्म करके मिश्रण से थोड़ा-थोडा़ मिश्रण लेकर कढा़ई में डालते जाइये और पकौड़ियों के ब्राउन होने पर निकाल कर प्लेट में रखते जाइये।

अब उरद दाल की पकौड़ियों को गरम पानी में भिगो कर निचोड़ लीजिये, आलू को छोटा-छोटा काट लीजिये और दही को मथ कर उसमें नमक व जीरा पाउडर मिला दीजिये।

पापड़ी चाट परोसने के लिये-
उबले आलू को छीलकर छोटा छोटा काट लें।

दही को अच्छे से फेट लें।

अब एक परोसने वाले कांच की ट्रे या चौड़ा प्याला लेकर उसमें में पापड़ी रखें, इसकी ऊपरी फूली परत (अगर कोई है तो) को हल्के से फोड़ दें।

अब इसके ऊपर १ चम्मच छोले, लगभग १ छोटा चम्मच कटे हुए आलू रखें, इसके ऊपर १ छोटा चम्मच दही, थोड़ी सी धनिया की हरी चटनी और एक छोटा चम्मच मीठी चटनी डालें। इस प्रकार हर पापड़ी के ऊपर डालें। इसके ऊपर ज़रा सा नमक, लाल मिर्च, और भुना जीरा पाउडर छिड़कें। भुजिया या महीन सेव से सजाएँ और ऊपर से बुरकें बारीक कटा हरा धनिया।

पापड़ी चाट अब तैयार है परोसने के लिये, तुरंत सर्व करिए इस स्वादिष्ट चाट को, अन्यथा देर हो जाने पर पापड़ी नर्म हो जाएगी और स्वादिष्ट नहीं लगेगी।

11 Bed Food For Men Health (11 चीजे जो आपकी कामोत्तेजना को प्राकृतिक रूप से नष्ट कर सकते है।)



स्वस्थ शरीर के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है, लेकिन कुछ ऐसे भोज्य पदार्थ भी होते हैं जिनका मूड पर विपरीत असर पड़ता है। इसीलिए ऐसे भोज्य पदार्थों के बारे में जानना महत्वपूर्ण हो जाता है, जो आपकी कामोत्तेजना को प्राकृतिक रूप से नष्ट करते हैं। ये पदार्थ पुरुषों को कमजोर बना सकते हैं। इसलिए खाने की ऐसी चीजों को पहचान कर अपनी खाने की लिस्ट से बाहर कर दें, जो आपकी ताकत को कम कर सकती है। आइए जानते हैं ऐसी ही चीजों के बारे में.....

1. चीज

चीज में बहुत अधिक फैट होता है। अधिक वसा वाले पुरुषों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन उत्पादों के ज्यादा सेवन से शरीर में जहरीले पदार्थ बनते हैं। साथ ही, ईस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रोन और टेस्टोस्ट्रोन जैसे हार्मोन्स के निर्माण में भी रूकावट आती है।

2. चिप्स

चिप्स आपकी कामोत्तेजना के साथ-साथ आप के शरीर की कोशिकाओं और उतकों को भी नुकसान पहुंचाती है। चिप्स पुराने तेल में तले होने के साथ-साथ उच्च तापमान पर निर्मित किए जाते हैं। इसीलिए इन्हें खाना सेहतमंद नहीं होता है।

3. कॉर्न फ्लेक्स

कॉर्न फ्लेक्स पुरुषों के लिए नुकसानदायक होता है। इसके अधिक सेवन से सेक्स लाइफ पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

4. कॉफी

ज्यादा कॉफी पीना पुरुषों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके अधिक सेवन से शरीर में तनाव उत्पन्न करने वाला हॉर्मोन कॉर्टिसॉल बनने लगता है। कैफीन की अधिक मात्रा से हार्मोन असन्तुलन और तनाव हो सकता है।

5. सोयाबीन

सोयाबीन में फोटोईस्ट्रोजेन होते हैं, जो पुरूष सेक्स हॉर्मोन से प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे पुरूषों में प्रजनन, स्तन विकास और बालों के गिरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

6. सोडा

सोडा और सुगंधित पेय पदार्थों के सेवन से वजन और मूड में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है। इन पेय पदार्थों से मोटापा, दांतों में छेद, डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, पुरुषों की सेक्स लाइफ पर भी इसका नेगेटिव प्रभाव पड़ता है।

7. मिंट

मिंट भले ही सांस की बदबू दूर करने का सबसे बेहतरीन उपाय है, लेकिन काम वासना पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मिंट में मेंथोल होता है, जिससे कामोत्तेजना कम होती है।

8. खराब क्वालिटी तेल

खराब क्वालिटी के तेल में बने पदार्थ फ्री रैडिकल उत्पन्न करते हैं, जो कि पुरुषों के शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं।

9. पैकिंग फूड

वे पुरुष जो बहुत अधिक पैकिंग फूड का सेवन करते हैं, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इनकी कोटिंग में कुछ खास किस्म का मेटल इस्तेमाल किया जाता है, जो पुरुषों की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है।

10. शराब

शराब पीने के बाद आप अच्छा महसूस कर सकते हैं, लेकिन इससे नींद आती है और आप अपने वातावरण के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं। शराब से ऐसी रासायनिक क्रिया आरम्भ हो जाती है जो टेस्टोस्ट्रोन के उत्पादन को कम करती है। ऐसा होना पुरुषों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

11. जंक फूड

जंकफूड की हाइड्रोजन युक्त वसा टेस्टोस्ट्रोन स्तर को कम करती है और पुरुषों में निम्न गुणवत्ता वाले और असमान्य शुक्राणु उत्पन्न करती है।

Hair Treatment : Home Remedies For Silky And Shiny Hair



सिर के बाल सिल्की और शाइनी हो ये सभी लड़कियां चाहती हैं, लेकिन जिन लड़कियों के बाल वेवी होते हैं या कर्ली होते हैं, वे ये चाहती हैं कि उनके बाल स्ट्रेट हो जाएं, लेकिन साथ ही स्ट्रेटनर का यूज करने से भी डरती हैं, क्योंकि स्ट्रेटनर के अधिक उपयोग से ड्राय और बेजान होने लगते हैं। निचे कुछ घरेलु टिप्स दिए जा रहे है जिनकी सहायता से आप बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के अपने बालों को सिल्की और शाइनी लुक दे सकती है :


  • दूध और शहद को बराबर मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को बालों पर बाल धोने से एक घंटा पहले अच्छी तरह लगाएं। इससे रूखे और कर्ली बाल भी सही हो जाते है।


  • एक स्प्रे बॉटल में पानी और दूध बराबर मात्रा में लें। इस मिश्रण को अपने बालों में स्प्रे कर लें। यह मिश्रण पूरे बालों में बराबर मात्रा में स्प्रे होना चाहिए। इसके बाद बड़े दांतों वाली कंघी से बालों को संवार लें, ताकि हर बाल तक दूध और पानी का मिश्रण पहुंच जाएं। इस मिश्रण को बालों में एक घंटे तक लगा रहने दें और उसके बाद अच्छी तरह धो लें। शैम्पू से धुलने के बाद कंडीशनर का भी इस्तेमाल करें। इससे बाल स्ट्रेट हो जाएंगे। बालों को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।


  • नारियल पानी में थोड़ा नींबू का रस मिला लें। इस मिश्रण को एक दिन के लिए फ्रीज में रख दें। इसके बाद एक क्रीमी पेस्ट तैयार हो जाएगा। इस मिश्रण को अपने सिर पर अच्छी तरह लगाएं और मसाज करें। इसके बाद हॉट टॉवल इस्तेमाल करें। एक घंटे बाद उसे धो लें और सप्ताह में तीन बार यह नुस्खा दोहराएं। इससे बाल स्ट्रेट हो जाएंगे।


  • नारियल तेल को थोड़ा गर्म करें। इस तेल को बालों पर लगाएं। हल्के हाथों से मसाज करें। उसके बाद गर्म टॉवल से सिर को ढंक लें। इससे बालों में चमक आएगी और बाल सीधे हो जाएंगे।


  • दो अंडों का योंक (पीला भाग) लेकर अच्छे से फेंट लें। इस मिश्रण में दो चम्मच ऑलिव ऑयल यानि जैतून का तेल मिला लें। ब्रश की सहायता से बालों में लगा लें। इस मिश्रण को दो घंटे तक बालों में लगा रहना दें। बाद में शैम्पू लगाकर धो लें। इससे बाल स्ट्रेट हो जाएंगे।


  • एक कप मुल्तानी मिट्टी लें। उसमें एक अंडा और 5 चम्मच चावल का आटा मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह फेंट लें। बालों को अच्छी तरह से कंघी कर लें। फिर मिश्रण बालों में लगाएं।


  • बालों को मिट्टी लगाने के बाद फोल्ड न करें और सीधा ही रखें। बालों पर 40 मिनट तक लगा रहने दें और पूरी तरह सूखने के बाद ही धोएं। इस पेस्ट को महीने में दो से तीन बार जरूर लगाएं, इसके इस्तेमाल से बाल सिल्की, शाइनी व स्ट्रेट हो जाएंगे।

Mahabaleshwar is a popular holiday resort and honeymoon spot, and an important pilgrimage site for Hindus.

महाबलेश्वर भारत के महाराष्ट्र प्रान्त का एक नगर है। सैरगाह नगर महाबलेश्वर, दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम भारत में स्थित है। महाबलेश्वर मुम्बई (भूतपूर्व बंबई) से 64 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और सतारा नगर के पश्चिमोत्तर में पश्चिमी घाट की सह्याद्रि पहाड़ियों में 1,438 मीटर की ऊँचाई पर अवस्थित है। महाबलेश्वर नगर ऊँची कगार वाली पहाड़ियों की ढलान से तटीय कोंकण मैदान का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।


गर्मी में अधिकांश लोग पर्यटन के लिए बर्फीली वादियों को पसंद करते हैं, लेकिन कुछ स्थान बगैर बर्फ के भी गर्मी में सैर-सपाटे के अनुकूल हैं और इन्हीं में से एक है महाराष्ट्र का महाबलेश्वर, जहां प्राकृतिक सुंदरता बिखरी पड़ी है।


महाबलेश्वर महाराष्ट्र में एक मशहूर हिल स्टेशन, खूबसूरत हनीमून स्पॉट और हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। सैलानियों का यह पसंदीदा स्थान है। वजह है इसकी प्राकृतिक सुंदरता और आबोहवा, जो वर्षभर खुशगवार बनी रहती है। महाबलेश्वर में पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं, जैसे- किले, मंदिर, झीलें इत्यादि। आपको यहां चारों ओर हरियाली मिलेगी। यहां पंचगना मंदिर एक मशहूर तीर्थस्थल है, जिसे पांच नदियों कोयना, वेन्ना, सावित्री, गायत्री और कृष्णा का उद्भव स्थल कहा जाता है। यहां की खूबसूरत वेन्ना लेक जरूर जाएं।

यहां आप बोटिंग और हॉर्स राइडिंग का लुत्फ ले सकते हैं। यह झील चारों ओर पेड़ों से घिरी है। यह बहुत चहल-पहल वाला स्थान है। यहां छोटी-छोटी दुकानों पर कई तरह के स्थानीय उत्पाद बिकते हैं। कुछ किलोमीटर दूर ही पंचगनी है, जहां ट्रैकिंग और हाईकिंग के शौकीनों के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं। यह फलों के उत्पाद के लिए भी मशहूर है।

महाबलेश्वर में दूर-दूर तक फैली पहाड़ियां और उन पर छिटकी हरियाली बेहद खूबसूरत और सुकून देने वाला नजारा पेश करती है।

महाबलेश्वर में कई फेमस पॉइंट्स हैं, जहां से सघन वनों और हरी-भरी वादियों के दीदार होते हैं। समुद्र तल से लगभग 1,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लोडविक पॉइंट उन स्थानों में से एक है, जहां सबसे अधिक सैलानी पहुंचते हैं। विल्सन पॉइंट, कार्नेक पॉइंट, निडिल पॉइंट, एल्फिंस्टन पॉइंट, बॉम्बे पॉइंट और कैट पॉइंट से भी मैदानों के मनोहारी नजारे देखे जा सकते हैं। महाबलेश्वर के सभी सुंदर स्थानों का आनंद लेना हो तो यहां कम से कम तीन दिन रुकें।

पंचगनी
महाबलेश्वर से करीब 19 किलोमीटर दूर मशहूर हिल स्टेशन पंचगनी है। पांच पहाड़ियों से घिरे होने की वजह से इसे पंचगनी कहा जाता है। यह स्थान अपने रेसीडेंट बोर्डिग स्कूलों और स्ट्रॉबेरी तथा रैस्बेरी के फॉर्म, शहद और जैम के लिए मशहूर है। महाबलेश्वर से अधिकांश लोग पंचगनी में पहाड़ियों के बीच छुट्टियां बिताने आते हैं। यहां 60 मीटर ऊंचा टेबल टॉप (समतल ऊंचा स्थान) है, जहां से आसपास के काफी बड़े क्षेत्र का पैनोर्मिक व्यू दिखाई देता है। पर्यटकों के लिए यह रोमांचक स्थान और बॉलीवुड के फिल्मकारों के लिए बहुत पॉपुलर शूटिंग स्पॉट है।

यहां भी जाएं : 
प्रतापगढ़ का किला यहां से 24 किलोमीटर दूर है। यह मराठा साम्राज्य की शान है। बीजापुर का सेनापति अफजल खान शिवाजी के हाथों यहीं मारा गया था।

इस किले में कई बावड़ियां, कक्ष और लंबे अंधेरे पैदलपथ हैं। इनमें से कुछ में गुप्त द्वार हैं, जो 100 मीटर नीचे जाकर खुलते हैं।

कब, कहां, कैसे : 
सैर-सपाटे के लिए यहां सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से जून के बीच है। यहां से सबसे करीबी शहर पुणो हैं, जो 120 किलोमीटर दूर है। यहां हर तरह की कई अच्छी होटल और लॉज उपलब्ध हैं।

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